Chronicle news /Naveen Sharma
पंजाबी यूनिवर्सिटी कैंपस में असिस्टेंट प्रोफेसर्स (गेस्ट फैकल्टी) का विरोध प्रदर्शन आज 22वें दिन में प्रवेश कर गया है। हाल ही में हुई पंजाबी यूनिवर्सिटी गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन (PUGTA) की मासिक बैठक में यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस बैठक में PUGTA के सदस्यों ने बुधवार को काली दिवाली मनाने का फैसला किया और आने वाले दिनों में अपने प्रदर्शन को और तेज करने की योजना बनाई है।
उन्होंने बताया कि कुल 724 स्वीकृत पदों में से 392 पद खाली पड़े हैं। वर्तमान में केवल 332 स्थायी शिक्षक ही यूनिवर्सिटी में सेवाएं दे रहे हैं।
PUGTA की कार्यकारी समिति ने बताया कि यूनिवर्सिटी में स्थायी शिक्षकों की कमी को गेस्ट टीचर्स से पूरा किया जा रहा है। समिति ने आगे कहा कि यूनिवर्सिटी अपने गेस्ट फैकल्टी को केवल 750 रुपये प्रति लेक्चर देती है, जिसमें महीने का अधिकतम भुगतान 35,000 रुपये तक सीमित है, जो कि यूजीसी (यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग) के नियमों का उल्लंघन है। समिति ने कहा कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पहले ही "समान कार्य के लिए समान वेतन" का आदेश दिया हुआ है, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
समिति ने कहा, “यूनिवर्सिटी के गेस्ट असिस्टेंट प्रोफेसर्स की मुख्य मांग है कि उनकी सैलरी को बढ़ाकर 57,700 रुपये किया जाए, जो कि नियमित असिस्टेंट प्रोफेसर के बेसिक वेतन के बराबर है। हालांकि, यूनिवर्सिटी प्रशासन उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए भी तैयार नहीं है।"