Chronicle news/Naveen Sharma
सिरहिंद-पटियाला रोड चौड़ीकरण के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई ने विवाद को जन्म दे दिया है। इस बार विवाद तब बढ़ा जब नागरिक संगठनों और पर्यावरणविदों ने 1,000 से अधिक पेड़ों की कटाई के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जो PWD के रोड चौड़ीकरण योजना में शामिल नहीं थे। ये पेड़ पटियाला वन मंडल के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
चौड़ीकरण के लिए 22 किलोमीटर लंबे इस खंड पर पहले ही 7,392 पेड़ों की कटाई की जा चुकी है, जिनमें 1,176 शीशम, 1,850 अर्जुन, 1,413 शहतूत, 1,101 यूकेलिप्टस और 33 पीपल के पेड़ शामिल हैं।
इस मामले में पटियाला की उपायुक्त (DC) प्रीति यादव ने जांच का आश्वासन दिया है, जबकि वन मंडल अधिकारी (DFO) विद्या सागरी ने इस मामले की जांच के लिए फील्ड सत्यापन के आदेश दिए हैं। वन विभाग ने तब कार्रवाई शुरू की जब नागरिक संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने वन प्रमुख सचिव अजय शर्मा से मुलाकात की और यह शिकायत दर्ज कराई कि कुछ स्थानों पर पेड़ जानबूझकर काटे गए हैं ताकि कुछ कॉलोनाइजरों को लाभ हो सके।
विद्या सागरी ने कहा, "फील्ड सत्यापन के निर्देश जारी किए गए हैं। रेंज अधिकारियों से ग्राउंड रिपोर्ट मांगी गई है। पेड़ों की कटाई योजना के अनुसार, सड़क की चौड़ाई और संरेखण को ध्यान में रखकर की जानी थी, जो कुछ स्थानों पर अलग-अलग हो सकती है। परिणामस्वरूप, कुछ जगहों पर पेड़ जंगल भूमि की सीमा पर पाए जा सकते हैं, जबकि अन्य जगहों पर सड़क की चौड़ाई के कारण पेड़ कटे हैं।"